झूठी कहानी
अस्र का वक़्त है या शायद उस के कुछ बाद का। मग़रिब…
अस्र का वक़्त है या शायद उस के कुछ बाद का। मग़रिब…
अवाइल–ए–बहार का इज़्तिराब बारिश से भीगे रस्ते परजहाँ चेरी के शगूफ़ेपत्ती-पत्ती…
उस की पैदाइश वक़्त से पहले हुई। दाई ने ला कर बाप…
किताब-उन-नफ़्स में लिखी गई नज़्म चकरा कर गिरता है आदमी आईने…
आलू और कद्दू सवेरे-सवेरे आ गए। मैं छत पर सो रहा था।…
रौशनी वोमुझ पर अयाँ हैरौशनी की धार की मानिंदउस नेअपनी धार सेमुझेटुकड़े-टुकड़े…
कौन बावर करेगा कि इस दौर में भी इल्म-ओ-अक़्ल और फ़िक्र-ओ-नज़र की…
“इस से अच्छा तो ये है कि डांसिंग स्कूल खोल ले। और…
इल्म-उल-हैवानात के प्रोफ़ेसरों से पूछा, स्लोतारियों से दरयाफ़्त किया, ख़ुद सर खपाते…
चौधरी मुहम्मद अली रुदौलवी अब्दुल मुग़न्नी साहब ने मुख़्तारी के पेशे…