कुत्ते
इल्म-उल-हैवानात के प्रोफ़ेसरों से पूछा, स्लोतारियों से दरयाफ़्त किया, ख़ुद सर खपाते…
इल्म-उल-हैवानात के प्रोफ़ेसरों से पूछा, स्लोतारियों से दरयाफ़्त किया, ख़ुद सर खपाते…
चौधरी मुहम्मद अली रुदौलवी अब्दुल मुग़न्नी साहब ने मुख़्तारी के पेशे…
ये वाक़िआ है कि सदियों से दानिशवरों और अदीबों को समाज में…
एक सेकंड में बुझ सकते है तेरह जुगनू जल सकते हैं…
हम शहर की ख़ुफ़िया जेब में गिर जाते हैं इन शहरों…
जब कभी बैठे बिठाए, मुझे आपा याद आती है तो मेरी आँखों…
आपी कहा करती थी, सुनहरे, समय समय की बात होती है। हर…